कपिल देव, मुझे कोई भूल तो नहीं गए

कपिल देव का निजी जीवन

कपिल देव, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और 1983 के विश्व कप विजेता कप्तान, का निजी जीवन भी उतना ही दिलचस्प और प्रेरणादायक है जितना उनका क्रिकेट करियर। कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़, भारत में हुआ था। उनके पिता, रामलाल नागी, एक व्यापारी थे, और उनकी माँ, प्रेम देवी, गृहिणी थीं।

पारिवारिक जीवन: कपिल देव की शादी रोमी भाटिया से 1980 में हुई थी। रोमी, दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं और उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से की थी। कपिल और रोमी के एक बेटी, अमरदीप, और एक बेटा, अजित, हैं।

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प्रोफेशनल जीवन से पहले: कपिल देव का क्रिकेट करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने अपने स्थानीय क्लब के लिए खेलना शुरू किया। उनके पहले रणजी मैच के बाद, उनकी क्रिकेट में रुचि और सफलता बढ़ती चली गई। उनका खेल और नेतृत्व कौशल जल्दी ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हो गया।कपिल देवअंतरराष्ट्रीय क्रिकेट: कपिल देव का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर 1978 में शुरू हुआ और उन्होंने 1994 तक खेला। उन्होंने भारतीय टीम को 1983 का विश्व कप जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व और खेल कौशल ने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी।

रिटायरमेंट के बाद: क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद कपिल देव ने कई भूमिकाओं में काम किया। उन्होंने क्रिकेट कोच के रूप में काम किया, क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में भूमिका निभाई, और कई सामाजिक और व्यावसायिक पहलों में शामिल हुए। वे कई बार खेल और स्वास्थ्य संबंधी कार्यशालाओं और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

शौक और रुचियाँ: कपिल देव को क्रिकेट के अलावा विभिन्न खेलों में रुचि है। वे खेलों के प्रति अपने प्यार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न चैरिटी आयोजनों में शामिल होते हैं। उनके शौक में फोटोग्राफी और यात्रा भी शामिल हैं।

कपिल देव का जीवन क्रिकेट के मैदान पर और उसके बाहर भी एक प्रेरणा है। उनकी मेहनत, समर्पण और परिवार के प्रति प्यार ने उन्हें एक सफल और आदर्श व्यक्तित्व बना दिया है।

कैसा रहा कपिल देव का वनडे करियर

कपिल देव का वनडे (One Day International) क्रिकेट करियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनकी वनडे यात्रा उनके खेल कौशल, नेतृत्व और भारत की क्रिकेट में योगदान के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ उनके वनडे करियर की कुछ प्रमुख बातें दी गई हैं:

शुरुआत और प्रदर्शन:

  • पहला वनडे मैच: कपिल देव ने अपना पहला वनडे मैच 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। यह मैच विजय की उम्मीदों से भरा था और कपिल देव ने अपने खेल से तुरंत ही ध्यान आकर्षित किया।
  • ऑलराउंड प्रदर्शन: कपिल देव एक उत्कृष्ट ऑलराउंडर थे, जिन्होंने बैटिंग और बॉलिंग दोनों में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी गेंदबाजी में तेज गति और स्विंग था, जबकि बैटिंग में वे आक्रामक और साहसी थे।
  • कपिल देव

विशेष उपलब्धियाँ:

  • 1983 विश्व कप: कपिल देव का वनडे करियर 1983 के क्रिकेट विश्व कप के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। उन्होंने टीम को कप्तान के रूप में नेतृत्व किया और भारत को पहली बार विश्व कप जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फाइनल में, उन्होंने 175 रन की अविस्मरणीय पारी खेली, जो उस समय भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।
  • सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर: कपिल देव वनडे क्रिकेट में एक महान ऑलराउंडर के रूप में जाने जाते हैं। उनके करियर में 225 वनडे मैचों में 3783 रन और 253 विकेट थे।
  • तेज़ गेंदबाजों में प्रमुख: कपिल देव उस समय के प्रमुख तेज गेंदबाजों में से एक थे और उनकी गेंदबाजी ने कई मैचों में निर्णायक भूमिका निभाई।

सेवानिवृत्ति और प्रभाव:

  • रिटायरमेंट: कपिल देव ने 1994 में वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया। उनकी विदाई भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था।
  • प्रेरणा: कपिल देव का करियर और नेतृत्व भारतीय क्रिकेट के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और खेल के प्रति प्रेम ने उन्हें एक आदर्श क्रिकेटर बना दिया।

कपिल देव का वनडे करियर भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम दिनों में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी उपलब्धियाँ और खेल के प्रति उनका जुनून भारतीय क्रिकेट की धरोहर का हिस्सा हैं।

कपिल देव का टेस्ट करियर

कपिल देव का टेस्ट क्रिकेट करियर भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली करियरों में से एक है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कई उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड स्थापित किए, जो आज भी उन्हें एक महान खिलाड़ी के रूप में सम्मानित करते हैं।

टेस्ट करियर की प्रमुख बातें:

  • प्रारंभ और शुरुआत: कपिल देव ने अपना पहला टेस्ट मैच 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला। उनका आगमन भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया युग लेकर आया, जिसमें उन्होंने अपनी बॉलिंग और बैटिंग क्षमताओं से छाप छोड़ी।
  • सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर: कपिल देव एक प्रमुख ऑलराउंडर थे जिन्होंने अपने करियर के दौरान दोनों विभागों में उत्कृष्टता प्राप्त की। उनकी तेज गेंदबाजी और आक्रामक बैटिंग ने उन्हें एक प्रभावशाली खिलाड़ी बना दिया।
  • कपिल देव

मुख्य आँकड़े और उपलब्धियाँ:

  • कुल मैच और रन: कपिल देव ने 131 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 5,248 रन बनाए। उनके करियर की औसत 31.05 थी, जिसमें 8 शतक और 27 अर्धशतक शामिल थे।
  • गेंदबाजी: कपिल देव ने टेस्ट क्रिकेट में 434 विकेट हासिल किए, जो तब का विश्व रिकॉर्ड था। यह रिकॉर्ड उनके उत्कृष्ट गेंदबाजी कौशल और सटीकता को दर्शाता है। उनकी गेंदबाजी की औसत 29.64 थी।
  • 1983 विश्व कप और टेस्ट क्रिकेट: कपिल देव का विश्व कप जीतना केवल एक उपलब्धि नहीं थी, बल्कि यह उनके टेस्ट करियर को भी प्रभावित करता है। उनकी कप्तानी और खेल के प्रति समर्पण ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी।
  • 1986-87 सीरीज: कपिल देव ने 1986-87 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 5 टेस्ट मैचों में 32 विकेट लिए और 431 रन बनाए।
  • डबल शतक: उन्होंने 1983-84 में बांग्लादेश के खिलाफ डबल शतक (175 रन) बनाकर अपनी बैटिंग क्षमताओं को साबित किया।

रिटायरमेंट और प्रभाव:

  • रिटायरमेंट: कपिल देव ने 1994 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। उनके संन्यास के समय तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपने खेल और नेतृत्व से प्रभावित किया था।
  • सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर: कपिल देव का टेस्ट करियर उनकी बहुमुखी प्रतिभा और क्रिकेट के प्रति उनके प्यार का प्रमाण है। उनकी गेंदबाजी और बैटिंग ने उन्हें एक सच्चे ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया।

कपिल देव का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम दिनों का हिस्सा है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी उपलब्धियाँ और खेल के प्रति उनका समर्पण ने उन्हें एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्रिकेटर बना दिया।

कपिल देव ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान कई यादगार पारियां खेलीं, जिनमें से कुछ ने उनके क्रिकेटिंग कौशल और नेतृत्व क्षमता को उजागर किया। यहाँ उनकी कुछ प्रमुख और यादगार पारियों की चर्चा की गई है:कपिल देव

यादगार पारियां

1. 1983 विश्व कप फाइनल – 175 रन (नाबाद)

  • विपरीत: वेस्टइंडीज
  • स्थान: लॉर्ड्स, लंदन
  • विवरण: 1983 के विश्व कप फाइनल में, कपिल देव ने 175 रन की नाबाद पारी खेली, जो उस समय भारतीय क्रिकेट की सबसे महत्वपूर्ण पारियों में से एक मानी जाती है। उन्होंने इस पारी के दौरान भारतीय टीम को एक चुनौतीपूर्ण स्थिति से बाहर निकाला और टीम को 183 रन तक पहुंचाया। उनकी यह पारी भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।

2. 1986-87 ऑस्ट्रेलिया दौरा – 119 रन

  • विपरीत: ऑस्ट्रेलिया
  • स्थान: मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG)
  • विवरण: इस पारी के दौरान कपिल देव ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शानदार 119 रन बनाकर भारतीय टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। इस पारी की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।

3. 1979-80 भारत बनाम पाकिस्तान – 175 रन

  • विपरीत: पाकिस्तान
  • स्थान: लॉर्ड्स, लंदन
  • विवरण: कपिल देव ने 1979-80 के दौरे पर पाकिस्तान के खिलाफ 175 रन की शानदार पारी खेली, जो उनकी बैटिंग क्षमता और संघर्षशीलता को दर्शाती है। इस पारी ने उनके खेल के प्रति समर्पण और तकनीकी कौशल को प्रकट किया।

4. 1982-83 भारत बनाम श्रीलंका – 100 रन

  • विपरीत: श्रीलंका
  • स्थान: कोलंबो
  • विवरण: इस पारी के दौरान कपिल देव ने एक शानदार शतक बनाया, जिसने उनकी बैटिंग क्षमता और पारी को संकट से उबारने की क्षमता को दिखाया।

5. 1984-85 भारत बनाम इंग्लैंड – 100 रन

  • विपरीत: इंग्लैंड
  • स्थान: मुंबई
  • विवरण: कपिल देव ने इस मैच में एक महत्वपूर्ण शतक बनाया, जिसने भारतीय टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया और उनकी बैटिंग के धैर्य और कौशल को उजागर किया।
  • कपिल देव

6. 1982 भारत बनाम वेस्टइंडीज – 100 रन

  • विपरीत: वेस्टइंडीज
  • स्थान: नई दिल्ली
  • विवरण: इस पारी के दौरान कपिल देव ने अपनी शानदार बैटिंग क्षमता का प्रदर्शन करते हुए शतक बनाया, जिससे भारतीय टीम को एक महत्वपूर्ण बढ़त मिली।

कपिल देव की ये पारियां उनकी क्रिकेटिंग काबिलियत और मैच की परिस्थितियों के अनुसार उनके शानदार प्रदर्शन को दर्शाती हैं। उनके खेल ने न केवल भारत की टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई, बल्कि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में एक अमिट छाप भी छोड़ी।

पुरस्कार

कपिल देव, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और 1983 के विश्व कप विजेता कप्तान, ने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए। उनकी क्रिकेट की उपलब्धियाँ और नेतृत्व के कारण उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया। यहाँ कुछ प्रमुख पुरस्कार और सम्मान दिए गए हैं:

1. अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award)

  • वर्ष: 1982
  • विवरण: भारतीय खेल मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह पुरस्कार खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है। कपिल देव को यह पुरस्कार उनके क्रिकेट के प्रति योगदान और प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया।

2. पद्म श्री (Padma Shri)

  • वर्ष: 1982
  • विवरण: यह भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रदान किया जाता है। कपिल देव को उनके क्रिकेट करियर और उनके द्वारा किए गए योगदान के लिए यह सम्मान मिला।

3. वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर (ICC Cricket Hall of Fame)

  • वर्ष: 2009
  • विवरण: कपिल देव को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया, जो उनके योगदान और उपलब्धियों की उच्च मान्यता है।

4. सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (C.K. Nayudu Lifetime Achievement Award)

  • वर्ष: 2008
  • विवरण: यह पुरस्कार भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों को उनके जीवनकाल के योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। कपिल देव को यह पुरस्कार उनके क्रिकेट करियर और खेल के प्रति समर्पण के लिए मिला।

5. क्रिकेट के लिए विशेष मान्यता (BCCI’s Special Award)

  • वर्ष: 1983
  • विवरण: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा कपिल देव को 1983 के विश्व कप जीत के लिए विशेष मान्यता दी गई, जिसमें उनकी कप्तानी और प्रदर्शन को सराहा गया।

6. भारत का राष्ट्रीय खेल पुरस्कार (National Sports Award)

  • वर्ष: 1994
  • विवरण: कपिल देव को उनके क्रिकेट करियर और खेल के प्रति योगदान के लिए यह राष्ट्रीय खेल पुरस्कार भी मिला।

7. सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर (Most Influential Cricketer)

  • वर्ष: विभिन्न
  • विवरण: कपिल देव को विभिन्न अवसरों पर उनके क्रिकेट करियर और प्रभाव के लिए सम्मानित किया गया है।

इन पुरस्कारों और सम्मानों के माध्यम से कपिल देव की क्रिकेट के प्रति उनकी निष्ठा, प्रतिभा और योगदान की मान्यता मिलती है। उनका करियर न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि क्रिकेट जगत में भी उनके उत्कृष्ट योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

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